जूल के नियम के अनुसार, जब एक चालक में धारा प्रवाहित होती है, तो उत्पन्न होने वाली गर्मी धारा, प्रतिरोध और धारा प्रवाहित होने के समय के समानुपाती होती है।
जूल की इकाई का उपयोग विद्युत तार में धारा के आंदोलन द्वारा उत्पन्न होने वाली गर्मी को मापने के लिए किया जाता है। निम्नलिखित में जूल के नियम को गणितीय रूप से दर्शाया गया है और समझाया गया है।
जब तार का विद्युत प्रतिरोध और धारा प्रवाहित होने का समय नियत हो, तो धारा-चालक तार में उत्पन्न होने वाली गर्मी की मात्रा तार में प्रवाहित होने वाली धारा के वर्ग के समानुपाती होती है।
H α I2
जब तार में धारा और धारा प्रवाहित होने का समय नियत हो, तो उत्पन्न होने वाली गर्मी की मात्रा तार के विद्युत प्रतिरोध के समानुपाती होती है।
H α R
जब विद्युत प्रतिरोध और धारा की मात्रा दोनों नियत हो, तो धारा के प्रवाह से उत्पन्न होने वाली गर्मी की मात्रा धारा के प्रवाह के समय की लंबाई के समानुपाती होती है।
H α t
जब ये तीन घटक एक साथ जुड़े होते हैं
W or H = I2 X R X t
जहाँ,
W = ऊर्जा द्वारा किया गया कार्य
H = गर्मी
I = धारा
R = प्रतिरोध और
t = समय (धारा के प्रवाह की अवधि)