तीन-फेज इंडक्शन मोटर की घूर्णन दिशा विद्युत सप्लाई के फेज अनुक्रम और मोटर के भौतिक निर्माण पर निर्भर करती है। यहाँ एक संक्षिप्त व्याख्या है:
आगे की दिशा : यदि तीन-फेज सप्लाई के फेज (A, B, C) को एक विशिष्ट अनुक्रम में जोड़ा जाता है, तो मोटर एक दिशा में घूमेगी (आमतौर पर आगे की दिशा मानी जाती है)।
पीछे की दिशा: किन्हीं दो फेजों को बदलना (उदाहरण के लिए, फेज A को फेज B के टर्मिनल से और इसके विपरीत जोड़ना) घूर्णन की दिशा को उलट देगा।
स्टेटर वाइंडिंग: स्टेटर में वाइंडिंग की व्यवस्था तीन-फेज सप्लाई से चालित होने पर एक घूमता हुआ चुंबकीय क्षेत्र बनाती है।
रोटर इंटरएक्शन: घूमते हुए चुंबकीय क्षेत्र और रोटर के बीच की प्रतिक्रिया रोटर में धाराओं को प्रेरित करती है, जिससे यह स्टेटर क्षेत्र के साथ संक्रमण में घूमने लगता है।
घूर्णन की दिशा निर्धारित करने के लिए
दृश्य निरीक्षण: मोटर के नेमप्लेट या दस्तावेज़ों को देखें कि घूर्णन की दिशा का कोई संकेत दिया गया है या नहीं।
निशान: कुछ मोटरों पर तीर या अन्य निशान घूर्णन की दिशा को दर्शाते हैं।
प्रयोग: यदि दिशा नहीं चिह्नित है, तो मोटर को तीन-फेज सप्लाई से जोड़ें और घूर्णन की दिशा देखें। फिर, यदि आवश्यक हो, किन्हीं दो फेजों को बदलें ताकि दिशा बदल सके।
यदि आप घूर्णन की दिशा बदलना चाहते हैं
किन्हीं दो फेजों को बदलें (दो फेजों को बदलें): सिर्फ किन्हीं दो फेजों के कनेक्शन को बदल दें। यह फेज अनुक्रम और इसलिए घूर्णन की दिशा को उलट देगा।
तीन-फेज इंडक्शन मोटर की घूर्णन दिशा सप्लाई के फेज अनुक्रम पर निर्भर करती है। सही फेज अनुक्रम को बनाए रखने से मोटर एक दिशा में घूमेगी; किन्हीं दो फेजों को बदलने से घूर्णन की दिशा उलट जाएगी। मोटर और इसके द्वारा चालित सिस्टम के सही कार्य के लिए सही घूर्णन दिशा सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है।
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