
फ़ॉल्ट करंट, विशेष रूप से बहुत तेज दर से ट्रांसीएंट रिकवरी वोल्टेज (TRV) के साथ, को अवरुद्ध करने के मामले में, वैक्यूम इंटरप्टर उनके उत्कृष्ट दीपज आवरण पुनर्स्थापन विशेषताओं के कारण SF6 (सल्फर हेक्साफ्लोराइड) इंटरप्टर की तुलना में महत्वपूर्ण फायदा होता है। यहाँ एक विस्तृत तुलना दी गई है, जिसमें ब्रेकडाउन सांख्यिकी, दीर्घकालिक ब्रेकडाउन व्यवहार और विशिष्ट एप्लिकेशनों जैसे इंडक्टिव लोड स्विचिंग और कैपेसिटर बैंक स्विचिंग में प्रदर्शन के बीच महत्वपूर्ण अंतर शामिल हैं।
वैक्यूम इंटरप्टर:
तेज दीपज आवरण पुनर्स्थापन: वैक्यूम इंटरप्टर उनके बहुत तेज दीपज आवरण पुनर्स्थापन के लिए जाने जाते हैं, जो उच्च TRV दरों के साथ संभावना से निपटने के लिए महत्वपूर्ण है। वर्तन के बाद, वैक्यूम अंतराल तेजी से अपने दीपज गुणों को बहाल कर देता है, जिससे यह तेज TRV स्थितियों में बहुत प्रभावी होता है।
तेज TRV में उत्कृष्ट प्रदर्शन: यह तेज पुनर्स्थापन समय वैक्यूम इंटरप्टर को बहुत तेज दर से बढ़ते ट्रांसीएंट रिकवरी वोल्टेज को अधिक प्रभावी ढंग से निपटने की अनुमति देता है। दीपज का तेजी से बहाल होना टीआरवी दौरान पुनर्ज्वलन की संभावना को कम करता है।
SF6 इंटरप्टर:
धीमा दीपज आवरण पुनर्स्थापन: SF6 इंटरप्टर, जबकि अभी भी प्रभावी हैं, वैक्यूम इंटरप्टर की तुलना में धीमा दीपज आवरण पुनर्स्थापन होता है। इसका अर्थ है कि तेज TRV घटना के दौरान, पुनर्ज्वलन या ब्रेकडाउन से पहले दीपज का पूरी तरह से बहाल होना की अधिक संभावना होती है।
तेज TRV के लिए कम उपयुक्त: ऐसे एप्लिकेशन में जहाँ TRV की दर बहुत तेज हो, SF6 इंटरप्टर वैक्यूम इंटरप्टर की तुलना में उतना प्रभावी नहीं हो सकते, जिससे इंटरप्टर पर अधिक दबाव और विफलता की बढ़ी हुई संभावना हो सकती है।
वैक्यूम इंटरप्टर:
उच्च ब्रेकडाउन वोल्टेज: सिद्धांत में, वैक्यूम अंतराल बहुत उच्च ब्रेकडाउन वोल्टेज का होता है, जो उन्हें अधिकांश संचालन स्थितियों में बहुत विश्वसनीय बनाता है।
मध्यम वोल्टेज पर ब्रेकडाउन की छोटी संभावना: उच्च ब्रेकडाउन वोल्टेज के बावजूद, बहुत मध्यम वोल्टेज पर ब्रेकडाउन होने की बहुत छोटी संभावना होती है। हालांकि, यह संभावना बहुत कम होती है और व्यावहारिक एप्लिकेशनों में आम तौर पर चिंता का विषय नहीं होता है।
SF6 इंटरप्टर:
कम ब्रेकडाउन वोल्टेज: SF6 अंतराल आम तौर पर वैक्यूम अंतराल की तुलना में कम ब्रेकडाउन वोल्टेज का होता है, जिसका अर्थ है कि वे निश्चित स्थितियों में ब्रेकडाउन के लिए अधिक संवेदनशील होते हैं।
अधिक नियमित प्रदर्शन: जबकि SF6 इंटरप्टर कम ब्रेकडाउन वोल्टेज के साथ होते हैं, वे एक विस्तृत संचालन स्थितियों के दौरान अधिक निर्धारित और संगत प्रदर्शन करते हैं।
वैक्यूम इंटरप्टर:
स्वतः दीर्घकालिक ब्रेकडाउन: वैक्यूम इंटरप्टर की एक विशिष्ट विशेषता यह है कि वे वर्तन के कई सैकड़ों मिलीसेकंड बाद भी स्वतः दीर्घकालिक ब्रेकडाउन दिखा सकते हैं। यह घटना दुर्लभ है लेकिन अवशिष्ट आयनीकरण या अन्य कारकों के कारण हो सकती है।
सीमित परिणाम: ऐसे दीर्घकालिक ब्रेकडाउन घटनाओं के परिणाम न्यूनतम होते हैं क्योंकि वैक्यूम अंतराल ब्रेकडाउन के बाद तुरंत अपने दीपज गुणों को बहाल कर लेता है। यह स्व-स्वस्थ होने की विशेषता इंटरप्टर को कार्यात्मक और सुरक्षित रखती है।
SF6 इंटरप्टर:
कोई दीर्घकालिक ब्रेकडाउन नहीं: SF6 इंटरप्टर दीर्घकालिक ब्रेकडाउन व्यवहार नहीं दिखाते, क्योंकि SF6 गैस वर्तन के बाद तुरंत डी-आयनीकरित हो जाती है, जिससे अंतराल के दीपज गुणों का बहाल होना होता है।
वैक्यूम इंटरप्टर:
उच्च पुनर्ज्वलन दर: इंडक्टिव लोड स्विचिंग, विशेष रूप से शंट रिएक्टर्स को स्विच करते समय, वैक्यूम इंटरप्टर एक शक्ति वोल्टेज वर्तन शून्य पर बहुत अधिक बार पुनर्ज्वलन का अनुभव करते हैं। यह तेज दीपज आवरण पुनर्स्थापन के कारण होता है, जो TRV इंटरप्टर की क्षमता से अधिक होने पर पुनर्ज्वलन का कारण बन सकता है।
मिटिगेशन रणनीतियाँ: इस मुद्दे को मिटाने के लिए, विशेष उपाय जैसे प्री-इन्सर्शन रेजिस्टर्स या स्नबर सर्किट का उपयोग किया जा सकता है, जो TRV को सीमित करते हैं और पुनर्ज्वलन की संभावना को कम करते हैं।
SF6 इंटरप्टर:
कम पुनर्ज्वलन दर: SF6 इंटरप्टर आम तौर पर इंडक्टिव लोड स्विचिंग एप्लिकेशन में कम पुनर्ज्वलन दर होती है। इसका कारण SF6 का धीमा दीपज आवरण पुनर्स्थापन है, जो दीपज के बहाल होने के लिए एक धीमी दर से अनुमति देता है, जिससे पुनर्ज्वलन की संभावना कम होती है।
वैक्यूम इंटरप्टर:
प्री-स्ट्राइक आर्क की चिंताएँ: कैपेसिटर बैंक स्विच करते समय, वैक्यूम इंटरप्टर बहुत उच्च इनरश करंट से बचना चाहिए। प्री-स्ट्राइक आर्क, जो कंटेक्ट के पूरी तरह से बंद होने से पहले हो सकता है, कंटेक्ट सिस्टम के दीपज गुणों को खराब कर सकता है, जिससे संभावित विफलता हो सकती है।
मिटिगेशन उपाय: इसे रोकने के लिए, कैपेसिटर बैंक स्विचिंग के लिए वैक्यूम स्विचगियर आम तौर पर प्री-इन्सर्शन रेजिस्टर्स या नियंत्रित बंद करने के मैकेनिज्म जैसी विशेषताएँ शामिल करते हैं, जो इनरश करंट को सीमित करते हैं और इंटरप्टर की सुरक्षा करते हैं।
SF6 इंटरप्टर:
इनरश करंट का बेहतर संभालन: SF6 इंटरप्टर आम तौर पर कैपेसिटर बैंक स्विचिंग के लिए अधिक उपयुक्त होते हैं, क्योंकि वे बिना दीपज गुणों के बहुत बड़ी खराबी के उच्च इनरश करंट को संभाल सकते हैं। यह उन्हें उच्च इनरश करंट की अपेक्षा होने वाले एप्लिकेशनों के लिए पसंदीदा चुनाव बनाता है।
वैक्यूम और SF6 सर्किट ब्रेकर के कंटेक्ट सिस्टम उनके संबंधित संचालन सिद्धांतों को समायोजित करने के लिए डिजाइन में अलग होते हैं:
SF6 सर्किट ब्रेकर (बाएं):
SF6 सर्किट ब्रेकर में कंटेक्ट सिस्टम गैस माध्यम के साथ काम करने के लिए डिजाइन किया गया है, जो उत्कृष्ट आर्क-क्वेंचिंग गुणों की प्रदान करता है। कंटेक्ट आम तौर पर बड़े और अधिक रबस्ट होते हैं, ताकि SF6 से संबंधित उच्च करंट और ऊर्जा विसर्जन को संभाला जा सके।
वैक्यूम सर्किट ब्रेकर (दाएं):
वैक्यूम सर्किट ब्रेकर में कंटेक्ट सिस्टम सरल और अधिक कॉम्पैक्ट होता है, क्योंकि वैक्यूम वातावरण उत्कृष्ट दीपज गुणों और आर्क-क्वेंचिंग क्षमताएँ प्रदान करता है। कंटेक्ट आम तौर पर कॉपर-टंगस्टन गठजोड़ जैसी सामग्रियों से बने होते हैं, जो उच्च पिघलने के बिंदु और अच्छी चालकता के होते हैं।
संक्षेप में, वैक्यूम इंटरप्टर बहुत तेज ट्रांसीएंट रिकवरी वोल्टेज के साथ एप्लिकेशनों में उनके तेज दीपज आवरण पुनर्स्थापन के कारण उत्कृष्ट होते हैं, जिससे वे उच्च TRV दरों को संभालने में अधिक प्रभावी होते हैं। हालांकि, वे इंडक्टिव लोड स्विचिंग में अधिक पुनर्ज्वलन दिखा सकते हैं और कैपेसिटर बैंक स्विचिंग के दौरान प्री-स्ट्राइक आर्क से बचने के लिए ध्यान से प्रबंधित किए जाने की आवश्यकता होती है। दूसरी ओर, SF6 इंटरप्टर ब्रेकडाउन सांख्यिकी के मामले में अधिक संगत प्रदर्शन प्रदान करते हैं और उच्च इनरश करंट को संभालने में बेहतर होते हैं, जिससे वे कैपेसिटर बैंक स्विचिंग के लिए पसंदीदा चुनाव बन जाते हैं। वैक्यूम और SF6 इंटरप्टर के बीच का चुनाव विशिष्ट एप्लिकेशन और स्विच किए जा रहे लोड के प्रकार पर निर्भर करता है।