प्रकाशक की परिभाषा
प्रकाशक को ऐसा उपकरण माना जाता है जो दृश्यता, सजावट और संकेतन जैसे उपयोगों के लिए कृत्रिम प्रकाश उत्पन्न करता है।
प्रकाशक का कार्य
विद्युत: विद्युत एक चालक माध्यम में इलेक्ट्रॉनों का प्रवाह होता है। जब विद्युत प्रकाशक के फिलामेंट, गैस, या अर्धचालक से गुजरता है, तो यह उन्हें फोटॉन (प्रकाश कण) उत्सर्जित करने का कारण बनता है।
गैस: गैस एक पदार्थ की अवस्था है जिसमें अणु आज़ाद रूप से घूम सकते हैं। जब गैस को गर्म किया जाता है या इसे विद्युत धारा से संपर्क में लाया जाता है, तो यह अपने परमाणुओं को आयनीकरण (इलेक्ट्रॉनों का खोना या प्राप्त करना) या उत्तेजन (ऊर्जा स्तर को बढ़ाना) करके प्रकाश उत्पन्न करता है।
सौर: सौर ऊर्जा सूर्य से आती हुई तेजस्वी ऊर्जा है। जब सौर ऊर्जा प्रकाशक के फोटोवोल्टेलिक सेल (प्रकाश को विद्युत में परिवर्तित करने वाला उपकरण) पर प्रहार करती है, तो यह विद्युत धारा उत्पन्न करती है जो प्रकाशक को चालू रखती है।
प्रकाशक के प्रकार

ऊर्जा रूपांतरण
प्रकाशक विद्युत, गैस, या सौर ऊर्जा को दृश्य प्रकाश में रूपांतरित करके काम करते हैं, प्रत्येक प्रकार इस रूपांतरण के लिए एक अलग तरीका उपयोग करता है।
सुरक्षा और पर्यावरण
प्रकाशकों, विशेष रूप से जिनमें पारा होता है, का ठीक से निपटान करना आवश्यक है ताकि पर्यावरणीय नुकसान और स्वास्थ्य के खतरे से बचा जा सके।
प्रकाशक के अनुप्रयोग
प्रकाशक दृश्यता, सुरक्षा और सौंदर्य में महत्वपूर्ण लाभ प्रदान करते हैं, जिससे वे घरों से औद्योगिक क्षेत्रों तक विभिन्न सेटिंग्स में आवश्यक होते हैं।