बैटरी कैसे काम करती है?
बैटरी कार्य सिद्धांत परिभाषा
एक बैटरी रासायनिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करके काम करती है, जहाँ इलेक्ट्रोलाइट और धातुओं के साथ ऑक्सीकरण और अपचयन अभिक्रियाएँ होती हैं।

इलेक्ट्रोड्स और इलेक्ट्रोलाइट
बैटरी दो असमान धातुओं (इलेक्ट्रोड) और एक इलेक्ट्रोलाइट का उपयोग करके एक विभवांतर बनाती है, जिसमें कैथोड नकारात्मक टर्मिनल और ऐनोड सकारात्मक टर्मिनल होता है।
इलेक्ट्रॉन आकर्षण
इलेक्ट्रॉन आकर्षण यह निर्धारित करता है कि इलेक्ट्रोलाइट में कौन सी धातु इलेक्ट्रॉन ग्रहण करेगी या खो देगी, जो धारा की दिशा पर प्रभाव डालता है।
वोल्टिक सेल उदाहरण
एक सरल वोल्टिक सेल जिंक और तांबे के इलेक्ट्रोड का उपयोग द्रवित सल्फ्यूरिक अम्ल में करके विद्युत उत्पन्न करता है, जो बैटरी कार्य सिद्धांत को दर्शाता है।

ऐतिहासिक विकास
बैटरी का विकास प्राचीन पार्थियन बैटरी से लेकर आधुनिक लेड-एसिड बैटरी तक, स्थिर और पुनर्चार्जेबल ऊर्जा स्रोतों के निर्माण में प्रगति को दर्शाता है।