जब विद्युत धारा उच्च वोल्टेज से निम्न वोल्टेज वाले परिपथ में प्रवाहित होती है, तो कई संभावित परिणाम हो सकते हैं:
परिपथ घटकों की क्षति: निम्न वोल्टेज वाले परिपथ उच्च वोल्टेज को सहन नहीं कर सकते, जिससे परिपथ के अंदर के घटक (जैसे रिझिस्टर, कैपेसिटर, ट्रांजिस्टर आदि) को जलने या शाश्वत क्षति हो सकती है।
प्रदर्शन की गिरावट: भले ही घटक तुरंत क्षतिग्रस्त न हों, उच्च वोल्टेज से परिपथ के प्रदर्शन में गिरावट आ सकती है, जैसे घटकों के संचालन विशेषताओं या कार्यक्षमता में परिवर्तन।
सुरक्षा जोखिम: उच्च वोल्टेज सुरक्षा जोखिम बढ़ा सकते हैं, जिसमें विद्युत चौकानी और आग फैलने का खतरा शामिल है।
अस्थिर संचालन: परिपथ सही ढंग से काम नहीं कर सकता, अस्थिर या अनिश्चित व्यवहार प्रदर्शित कर सकता है।
इन समस्याओं से बचने के लिए, आमतौर पर एक उचित वोल्टेज रेगुलेटर या स्टेबिलाइजर का उपयोग करना आवश्यक होता है ताकि परिपथ एक उचित वोल्टेज सीमा में संचालित हो सके।